सुमेरपुर । भीषण गर्मी में सूखते जलस्रोतों ने न सिर्फ मनुष्यों को, बल्कि जलजीवों को भी संकट में डाल दिया है। ऐसा ही एक प्रयास सामने आया है सिंहप्रस्थ तालाब को लेकर, जहां जल स्तर में हो रही तेज गिरावट के चलते हजारों मछलियों, कछुओं और अन्य जलीय जीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा था। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए नवभारत सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट, भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की प्रेरणा से, गुरुवार को तालाब में 21 पानी के टैंकर डलवाकर जीवों के जीवन की रक्षा हेतु एक सराहनीय पहल की।
ट्रस्ट सचिव डॉ. कमलेश कुमार और मदन प्रजापत ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सेवा कार्य ट्रस्ट के संस्थापक व अध्यक्ष तथा रेडक्रॉस सोसायटी के चार्टर अध्यक्ष पंकज राज मेवाड़ा के मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने बताया कि तालाब में जल स्तर में लगातार गिरावट के कारण मछलियों सहित अन्य जलजीवों को जीवित रहना कठिन हो गया है। जल की मात्रा कम होने से उसमें ऑक्सीजन की मात्रा भी घटती है, जिससे जलजीवों की मृत्यु हो सकती है। इस संकट को देखते हुए ट्रस्ट ने एक साथ 21 पानी के टैंकर डलवाए हैं और आगे 151 टैंकर डलवाने का लक्ष्य रखा है।
“जल है तो कल है” — बेजुबानों की सेवा को दी प्राथमिकता
ट्रस्ट अध्यक्ष पंकज राज मेवाड़ा ने कहा कि बेजुबानों की सेवा करना ही सबसे बड़ी मानव सेवा है। “जल है तो कल है” के मूलमंत्र के साथ ट्रस्ट इस दिशा में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि यह केवल जल भरने का कार्य नहीं, बल्कि एक जीवन रक्षा मिशन है, जिसमें समाज के हर व्यक्ति को भागीदार बनना चाहिए।
सहयोगियों का योगदान
इस सेवा कार्य में ट्रस्ट के संरक्षक नेनमल सोनी, झुम्मरलाल गर्ग, चंपालाल सोनी, हरिराम सोनी, उपाध्यक्ष डॉ. अयोध्या प्रसाद वैष्णव, प्रियंका मेवाड़ा, कोषाध्यक्ष अंजली अग्रवाल, सहसचिव मदन प्रजापत, सदस्य नंदनी शर्मा, जितेंद्र देवड़ा, यमुना रावल, अक्ष शर्मा, यश प्रजापत, युवराज रावल, कैलाश सुथार ठेकेदार, कमलेश कुमावत आदि का विशेष योगदान रहा।