पहली व दुसरी पाण 21-21 दिन एवं तीसरी व चौथी पाण 23-23 दिन की रहेगी, प्रतिदिन 50 एमसीएफटी पानी छोडेंगे
सुमेरपुर। नगर के भैरूचौक स्थित जल संशाधन
विभाग कार्यालय में शनिवार को जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों व जल संशाधन विभाग
अधिशाषी अभियंता गंगाराम सुथार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। जिसमें
सर्वसम्मति से जवाई कमांड क्षेत्र में किसानों को सिंचाई के लिए पहली पाण का पानी
देने के लिए मुख्य नहर को 3 नवंबर को खोले जाने का निर्णय लिया। इसके साथ
की 4 नवंबर से पूर्व की भांति इस बार भी बाराबंदी लागू हो जाएगी। इस बार
जवाई से किसानों को सिंचाई के लिए चार पाण के माध्यम से 4400 एमसीएफटी
पानी दिया जाएगा। जिसमें पहली व दुसरी पाण 21-21 दिन एवं तीसरी व
चौथी पाण 23-23 दिन की रहेगी। प्रतिदिन 50 एमसीएफटी
की दर से पानी सिंचाई के लिए किसानों को दिया जाएगा।
गौरतलब है कि किसानों ने सिंचाई के लिए ज्यादा
पानी की मांग करते हुए तखतगढ़ में महापड़ाव डाला था। जिसके बाद प्रशासन के साथ हुई
वार्ता के बाद किसानों को सिंचाई के लिए 4400 एमसीएफटी पानी
देने का निर्णय लिया गया था। संगम अध्यक्ष नहरों का निरीक्षण करेंगे बैठक में जल
उपयोेक्ता संगम अध्यक्षों ने आगामी 3 नवंबर से नहर
खोलने से पूर्व नहरों के मरम्मत कार्य का निरीक्षण करने का निर्णय लिया।
जल उपयोक्ता संगम अध्यक्ष नरतसिंह मदेरणा ने
बताया कि 29 अक्टुबर से संगम अध्यक्ष रघुबीरसिंह, लक्ष्मण सिंह
बांगड़ी, रतनसिंह चौधरी, भंवरसिंह दुजाना आदि किसान नेताओं द्वारा नहरों
को निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान किए गए मरम्मत कार्य की गुणवत्ता व बाकी रहें
कार्यों को जल्द करवाने के लिए संबंधित ठेकेदार को नहर खुलने से पूर्व कार्य पुर्ण
करने के लिए पाबंद किया जाएगा। सिंचाई शुल्क बकाया होने पर बाराबंदी से बाहर
करेंगे जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों ने बताया कि जिस किसी भी किसान के सिंचाई का
शुल्क बकाया होगा। उसे इस बार बाराबंदी से बाहर किया जाएगा। जिन काश्तकारों ने अभी
तक सिंचाई शुल्क जमा नहीं करवाया है उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए बाराबंदी से
बाहर निकालकर सिंचाई से वंचित किया जाएगा।