अपने छोटे भाई की पत्नी व दो बच्चों को मारकर जेठ फूलपुरी ने सहयोगी के साथ शवों को दफनाया, हत्या व साक्ष्य छिपाने पर सजा व अर्थदंड से किया दंडित
सुमेरपुर। अपर जिला सेशन न्यायालय के न्यायाधीश ने शुक्रवार को 8 साल पूर्व एक ट्रिपल मर्डर मामलें में सुनवाई करते हुए दोषी पाए जाने पर दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश गणपत लाल बिश्नोई ने अंतिम सांस तक कठोर कारावास के साथ अर्थदंड से दंडित किया।
अपर लोक अभियोजक हनवंत सिंह राणावत ने बताया कि आरोपी मृतका के जेठ फुलपूरी व मंगलाराम को हत्या कर साक्ष्य छिपाने के जुर्म में दोषी करार दिया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पिंकी देवी व उसके पुत्र मुकेश पुरी को अगवा कर ले गए व लंबे समय तक पिंकी के साथ रहकर सहवास किया। जिससे पिंकी के एक पुत्र दिलीप पुरी का जन्म हुआ। पिंकी व उसके दोनों पुत्रों को फूलपुरी उसकी मामी के वहां गांव सोनईलाका लेकर गया तथा सोनईलाका में फूलपुरी व उसके सहयोगी द्वारा पिंकी व उसके दोनों पुत्रों की हत्या करके साक्ष्य को छीपा दिया।
उक्त घटना की सर्वप्रथम गुमसुदगी कि रिपोर्ट मृतका की नानी दाकू देवी ने 7 जून 2014 को तखतगढ़ थाने में दर्ज कराई। जांच तखतगढ़ पुलिस थाना अधिकारी नाथूसिंह व हेड कांस्टेबल कमलसिंह ने मामले की गहनता से अनुसंधान कर साक्ष्य जुटाते हुए फूलपुरी व उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की। 20 दिसंबर 2016 को आरोपियों द्वारा तीनों की हत्या कर शव को खेत में दफनाना कबुल किया गया। पुलिस ने आरोपियों के बताई जगह से तीनों शवों को बाहर निकलवा कर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपूर्द कर अंतिम संस्कार करवाया। वहीं हत्या का मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया। जिसमें शुक्रवार को अपर लोक अभियोजक हनवंतसिंह राणावत द्वारा पैरवी करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया गया। जिस पर अपर जिला सेशन न्यायाधीश गणपत लाल बिश्नोई ने दोनों आरोपियों को हत्या करना, हत्या के साक्ष्य छुपाने के मामले में आजीवन अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा सुनाई। मुख्य आरोपी फूलपुरी को एक लाख व सहयोगी मंगलाराम को 75 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। मृतक पिंकी की नानी ने गुमशुदगी का मामला दर्ज नहीं कराया होता तो मामले का पता ही नहीं लगता।
नानी दाकूदेवी ने दोषियों की सजा दिलाने पर सरकारी वकील व न्यायाधीश को देवदूत बताते हुए कहां कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। दोषियों को सजा मिलने पर नानी की आंखें छलक गई।