भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी शाखा सुमेरपुर ने एक सराहनीय सामाजिक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसके तहत राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय सुमेरपुर में अध्ययनरत 90 आदिवासी छात्रों को स्वेटर वितरित किए गए। यह कार्यक्रम बच्चों की शीत ऋतु की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन शाखा के संरक्षक सुरेशचंद्र सिंघल की ओर से किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवी गणेश विश्वकर्मा ने बच्चों को संबोधित किया। शाखा के चार्टर अध्यक्ष पंकज राज मेवाड़ा ने बताया कि यह पहल उन जरूरतमंद बच्चों के लिए की गई है, जो कठिन परिस्थितियों में रहते हुए पढ़ाई कर रहे हैं।
मुख्य बातें:
- स्वेटर वितरण:90 जरूरतमंद आदिवासी बच्चों को स्वेटर वितरित किए गए। बच्चों को स्वेटर प्रदान करते समय उनके चेहरे पर खुशी देखने को मिली।
- समाजसेवियों की भागीदारी:कार्यक्रम में स्वेटर वितरण का मुख्य योगदान संरक्षक सुरेशचंद्र सिंघल ने दिया।अन्य प्रमुख अतिथियों में शामिल थे:
- पूर्व पार्षद गोविंद राठौड़
- नैनमल सोनी
- झूमरलाल गर्ग
- गिरीश शर्मा
- प्रियंका मेवाड़ा
- विद्यालय परिवार का सहयोग:विद्यालय परिवार ने कार्यक्रम का स्वागत माला पहनाकर किया।उपस्थित अध्यापकों में शामिल थे:
- छात्रावास अधीक्षक मनोहर सिंह. अध्यापक रताराम, शंकरलाल, प्रवीण कुमार. रेखा, अदिति, गोविंद मीणा, दिनेश मीणा।
- मोटिवेशनल संदेश:चार्टर अध्यक्ष पंकज राज मेवाड़ा ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा:
- "अभाव में रहना कठिन हो सकता है, लेकिन स्वभाव को अच्छा बनाए रखना ही जीवन में सफलता का मूल मंत्र है।"
- उन्होंने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और खिलाड़ी बनने का सपना देखने और उसे हासिल करने की प्रेरणा दी।
- यह भी कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी उनकी हर संभव मदद के लिए तत्पर है।
- समापन और धन्यवाद:कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य गजेंद्र बेंदा ने रेड क्रॉस सोसाइटी और उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का महत्व:
यह आयोजन न केवल शीत ऋतु में जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए था, बल्कि उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करने का भी माध्यम था। समाज और विद्यालय के बीच ऐसा समन्वय बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक होगा।
निष्कर्ष:
भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी सुमेरपुर की यह पहल समाजसेवा का एक आदर्श उदाहरण है। इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल बच्चों को सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरणा स्रोत भी बनते हैं।