उर्फी जावेद ने राजस्थान के सुमेरपुर स्थित जवाई लेपर्ड सफारी के दौरान कांबेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किए। वह रविवार को करीब साढ़े 12 बजे कांबेश्वर धाम पहुंचीं और एक घंटे में पहाड़ी पर स्थित मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के दर्शन किए।
उर्फी जावेद का जवाई लेपर्ड सफारी और कांबेश्वर महादेव यात्रा
स्थान:
सुमेरपुर, राजस्थान का जवाई क्षेत्र, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, पहाड़ियों
और लेपर्ड सफारी के लिए प्रसिद्ध है।
घटना का विवरण:
उर्फी जावेद, जो अपने अनोखे फैशन सेंस और चर्चाओं के
लिए जानी जाती हैं, अपनी बहन डॉली जावेद और महिला मित्र
श्वेता कौर के साथ जवाई क्षेत्र की यात्रा पर थीं। उन्होंने पिछले तीन दिनों से इस
क्षेत्र की खूबसूरती का आनंद लिया।
कांबेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन
- समय:
उर्फी जावेद रविवार दोपहर करीब 12:30 बजे कांबेश्वर धाम पहुंचीं। - मंदिर
यात्रा:
कांबेश्वर महादेव मंदिर पहाड़ी पर स्थित है। उर्फी ने सीढ़ियों के जरिए चढ़ाई कर करीब एक बजे मंदिर पहुंचीं। - पूजा-अर्चना:
मंदिर में उन्होंने भगवान शिव के दर्शन किए और धूनी को नमन किया। धूनी शिव की पूजा का महत्वपूर्ण प्रतीक मानी जाती है।
जवाई लेपर्ड सफारी का आनंद
जवाई क्षेत्र अपनी लेपर्ड सफारी के लिए प्रसिद्ध है। यहां के पहाड़ी इलाकों में तेंदुओं का घर है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।
- उर्फी ने सफारी में हिस्सा लेकर जंगली जीवन और प्राकृतिक वातावरण का अनुभव किया।
- उन्होंने अपने समय को खुलकर प्रकृति के साथ बिताया और यहां के शांत और सुरम्य माहौल का आनंद उठाया।
सामान्य अनुभव:
- उर्फी और उनके साथियों ने जवाई के खूबसूरत दृश्यों और शांतिपूर्ण माहौल का पूरा लुत्फ उठाया।
- यह यात्रा उनके लिए न केवल धार्मिक महत्व की थी, बल्कि एक प्रकृति प्रेमी के रूप में शांति और सुकून पाने का माध्यम भी बनी।
जवाई और कांबेश्वर महादेव का महत्व:
जवाई:
यह क्षेत्र अपनी अद्वितीय भूगोल और तेंदुओं के खुले विचरण के
लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक यहां लेपर्ड सफारी के साथ-साथ पक्षी विहार और अद्भुत
सूर्यास्त का भी आनंद लेते हैं।
कांबेश्वर महादेव मंदिर:
पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। श्रद्धालु
यहां दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। यह स्थान अपनी आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता
के लिए भी प्रसिद्ध है।
उर्फी का इस यात्रा से संदेश:
यह यात्रा दिखाती है कि उर्फी अपनी व्यस्त जिंदगी से समय निकालकर न केवल प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना पसंद करती हैं, बल्कि धार्मिक स्थानों पर जाकर आंतरिक शांति और सकारात्मकता भी खोजती हैं।