पाली के औद्योगिक नगर उप डाकघर में राष्ट्रीय बचत प्रमाण योजना (एनएससी) के तहत 13 खातेदारों के 67.65 लाख रुपए गायब होने का मामला सामने आया है। इस बड़े घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुरू कर दी है। शनिवार सुबह 7 बजे सीबीआई की टीम पाली पहुंची और रिटायर्ड उप डाकपाल भगवतीलाल शर्मा के घर पर छानबीन की। यह जांच शाम 8:30 बजे तक चली।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच के दौरान पता चला कि पीड़ितों से निवेश के लिए पैसे लिए गए, लेकिन डाकघर में उनके खाते ही नहीं खोले गए। यानी, खातेदारों को पासबुक तो दी गई, लेकिन वह सिर्फ दिखावटी थी और आधिकारिक रिकॉर्ड में उनकी जमा राशि दर्ज ही नहीं की गई।
सीबीआई ने की सख्त पूछताछ
सीबीआई जोधपुर शाखा के डीएसपी के नेतृत्व में छह अधिकारियों की टीम ने भगवतीलाल शर्मा से कई अहम सवाल किए:
- जिन 13 खातेदारों की पासबुक पर आपके हस्ताक्षर हैं, उनकी जमा राशि डाकघर में दर्ज क्यों नहीं की गई?
- पासबुक में एंट्री किसने की और किन परिस्थितियों में दी गई?
- हड़पी गई 67.65 लाख रुपए की राशि अब कहां है?
पूछताछ के बाद सीबीआई टीम रात को लौट गई, लेकिन आरोपी को आदेश दिया गया है कि वह जांच के दौरान सीबीआई दफ्तर में पेश हो।
डाक विभाग ने की थी शिकायत
डाक विभाग के अधीक्षक रमेशचंद्र मीणा ने इस घोटाले की शिकायत 5 फरवरी को सीबीआई जोधपुर चौकी में दर्ज करवाई थी।
भगवतीलाल शर्मा के घर की तलाशी, संपत्तियों की जांच
सीबीआई ने आरोपी उप डाकपाल भगवतीलाल शर्मा के नया गांव रोड स्थित घर की गहन तलाशी ली। इस दौरान कई महत्वपूर्ण चीजें जब्त की गईं:
✔ सोने-चांदी के गहनों का मूल्यांकन – ज्वेलरी का वजन और कीमत का पता लगाने के लिए एक जौहरी को बुलाया गया।
✔ मकान, प्लॉट और अन्य संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए।
✔ बैंक खातों और लॉकर की जानकारी जुटाई जा रही है।
आगे की कार्रवाई
सीबीआई इस पूरे घोटाले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में:
- आरोपी भगवतीलाल शर्मा से फिर से पूछताछ की जाएगी।
- बैंक खातों और संपत्तियों की गहन जांच होगी।
- जरूरत पड़ने पर आरोपी को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
यह मामला सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और लोगों के पैसे की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। सीबीआई की जांच से यह साफ हो सकेगा कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल था और खाताधारकों को उनका पैसा वापस मिलेगा या नहीं।