प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम में 45 घंटे का ध्यान शुरू हो चुका है। वे 1 जून तक ध्यानमग्न रहेंगे। मोदी उसी जगह ध्यान कर रहे हैं, जहां स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था।
लोकसभा चुनाव के प्रचार का शोर थमते ही पीएम मोदी
गुरुवार (30 मई) की शाम कन्याकुमारी पहुंचे।
उन्होंने सबसे पहले भगवती देवी अम्मन मंदिर में दर्शन-पूजन किया। पूजा के दौरान
मोदी सफेद धोती और शॉल पहना था। पुजारियों ने उन्हें विशेष आरती कराई और प्रसाद, शॉल और देवी भगवती अम्मन की फ्रेम में मढ़ी हुई तस्वीर दी। मोदी
तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे। यहां से वे ध्यान मंडपम तक
फेरी से पहुंचे।
चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की
ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं है। कांग्रेस ने 29 मई को आरोप लगाया था कि पीएम की ध्यान यात्रा आचार संहिता का
उल्लंघन है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि मोदी
के ध्यान को मीडिया में प्रसारित नहीं होने दिया जाए।
ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं
जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि
के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनावी प्रचार और प्रदर्शन पर रोक का
उल्लेख है। मतदान समाप्ति से 48
घंटे पहले मौन अवधि शुरू हो जाती
है।
लोकसभा चुनाव में आखिरी फेज के लिए मौन अवधि गुरुवार (30 मई) शाम 6 बजे शुरू हुई। इस फेज में मोदी
के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी वोटिंग होगी। जानकारों के मुताबिक, इस कानून में वह क्षेत्र ही आता है, जहां वोटिंग होना है।
चुनाव आयोग ने इसी तरह की अनुमति 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम को दी थी।