सुमेरपुर। कोलीवाड़ा रोड स्थित दिल सर्कल पर गुरुवार देर रात विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन मारवाड़ निर्माण मजदूर संगठन एवं हमाल मजदूर संगठन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिसमें झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के सिरोही, उदयपुर, सुमेरपुर सहित आसपास के इलाकों से करीब 450 श्रमिकों ने भाग लेकर अपनी समस्याओं को मंच पर रखा।
इतिहास की झलक के साथ शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत संगठन के संरक्षक शंकरलाल मीणा द्वारा की गई, जिन्होंने मजदूर दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने 12 घंटे की बजाय 8 घंटे कार्य दिवस की मांग को लेकर आंदोलन किया था। यह दिन दुनिया भर में श्रमिकों की कुर्बानियों और उनके अधिकारों की याद में मनाया जाता है।
मजदूरों की समस्याएं बनीं चर्चा का मुख्य केंद्र
संगठन के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने श्रमिकों की दुर्दशा पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि श्रमिक आज भी कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं। भरी गर्मी में भी कोई राहत नहीं मिलती। नगर पालिका द्वारा बनाए गए आश्रय स्थलों में कूलर खराब हैं, पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। कई स्थानों पर ठेकेदार व मकान मालिक मजदूरी का भुगतान नहीं करते। साथ ही, कार्यस्थल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होते जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि BOCW बोर्ड जो निर्माण श्रमिकों के लिए बना है, उसका लाभ भी श्रम विभाग नहीं दे रहा है, जबकि नरेगा श्रमिकों को प्राथमिकता दी जा रही है। निर्माण श्रमिकों के पंजीयन भी विभाग द्वारा निरस्त किए जा रहे हैं।
ठेकेदारों की चुनौतियां भी आई सामने
ठेकेदार संगठन के उपाध्यक्ष भगीरथ खत्री ने बताया कि हाल ही में सरकार द्वारा बजरी पर रोक से निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। पिछले तीन महीनों से कार्यस्थल बंद पड़े हैं, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा। उन्होंने सरकार से मांग की कि बजरी की आपूर्ति को कानूनी रूप से शुरू किया जाए।