सुमेरपुर । पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े बांध और जीवन रेखा कहे जाने वाले जवाई बांध के गेट रविवार सुबह 9 बजकर 1 मिनट पर खोले गए। सबसे पहले 2 नंबर गेट खोला गया, इसके बाद 10 नंबर गेट खोल दिया गया। दोनों गेट एक एक इंच खोले गये
जैसे ही बांध के गेट खोले गए वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर और उत्साहित होकर हल्ला किया। कई लोग जवाई बांध के गेटों से निकल रहे पानी के साथ फोटो, सेल्फी लेकर इस पल को यादगार बनाते नजर आए।
आखिर 6 साल बाद लोगों को जवाई बांध के गेट खोलने का नजारा जो देखने के लिए मिल रहा है। जवाई बांध के गेट खोले जाने से इसकी नहर और नदी के किनारे स्थित पाली, जालोर और सिरोही जिले के कई गांवों का फायदा मिलेगा ।
पहले फेज में बांध के 13 गेटों में से 2 और 10 नंबर गेट को कम्प्यूराइज स्काडा सिस्टम से 1-1 इंच खोला गया। प्रति दिन करीब 20 MCFT पानी गेटो से नदी में छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में सेई टनल के जरिए रोज 27 MCFT पानी जवाई बांध में आ रहा है। जिसमें से प्रतिदिन करीब 7 से 8 MCFT पानी पेयजल के लिए काम में लिया जा रहा है ।
बांध के गेट खोलते समय इनकी रही मौजूदगी
सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, मुख्यमंत्री सलाहकार और सिरोही
विधायक संयम लोढ़ा, आहोर
विधायक छगनसिंह राजपुरोहित,
पूर्व सांसद
बद्रीराम जाखड़,
जिला परिषद
सदस्य व पूर्व प्रधान हरि शंकर मेवाड़ा, बालश्रम बोर्ड पूर्व उपाध्यक्ष शिशुपाल
निम्बाडा,
पीसीसीबी
अध्यक्ष करण सिंह मेडतिया,
संसाधन
विभाग के चीफ इंजीनियर अमरसिंह, जल संसाधन विभाग के XEN गंगाराम, PHED XEN नंदकिशोर
बालोटिया सहित पाली,
जालोर, सिरोही जिले के कई जनप्रतिनिधि, जलदाय विभाग, सिंचाई विभाग, प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।