सुमेरपुर के बांकली-खिवांदी बांध से मंगलवार सुबह सिंचाई के लिए नहर छोड़ी गई, जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल सके। हालांकि, इस महत्वपूर्ण कार्य के दौरान जल संसाधन विभाग से कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। नहर से पानी की पहली पाण (जल प्रवाह) की शुरुआत बांध के संगम अध्यक्ष ईश्वर सिंह देवड़ा, मेट खिमसिंह और ग्रामीणों की मौजूदगी में की गई।
नहर की पहली पाण:
ईश्वर सिंह देवड़ा ने बताया कि पहली पाण 24 दिनों तक चलेगी, जिसमें 12 दिन हेड (ऊपरी हिस्से) और 12 दिन टेल (निचले हिस्से) तक पानी छोड़ा जाएगा। मंगलवार को बांध का जलस्तर 9.95 फिट था और उसी के आधार पर सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया। इस मौके पर सुरसिंह देवड़ा, देवव्रतसिंह देवड़ा, देवकरण सिंह देवड़ा, पींटुसिंह देवड़ा, रंजीतसिंह सहित अन्य ग्रामीण भी उपस्थित थे।
नहर से छेड़छाड़ पर कानूनी कार्रवाई:
सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने के बावजूद, ईश्वर सिंह देवड़ा ने किसानों से अपील की कि वे नहर और पानी से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करें। देवड़ा ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी काश्तकार ने बाराबंदी के अलावा नहर से पानी की चोरी की या किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
उन्होंने किसानों से यह भी अनुरोध किया कि सिंचाई के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में छोड़ा गया है, इसलिए इसे व्यर्थ न जाने दें और इसका सही उपयोग करें।