सुमेरपुर में मंगलवार को आयकर कार्यालय में केंद्र सरकार की विवाद से विश्वास योजना पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आयकर अधिकारी विनय भटनागर ने योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह योजना 1 अक्टूबर 2024 को भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है।
सुमेरपुर में मंगलवार को आयकर कार्यालय में केंद्र सरकार की विवाद से विश्वास योजना के संबंध में एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में आयकर अधिकारी विनय भटनागर ने योजना के उद्देश्यों, लाभों और आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विवाद से विश्वास योजना क्या है?
यह योजना भारत सरकार द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को शुरू की गई है। इसका उद्देश्य उन करदाताओं को राहत देना है जिनकी बकाया मांग, ब्याज और जुर्माने को लेकर अपीलें लंबित हैं। इस योजना के तहत, करदाता अपनी लंबित अपीलों को समाप्त कर सकते हैं और विवादित टैक्स पर लगे ब्याज और जुर्माने पर छूट प्राप्त कर सकते हैं।
योजना के लाभ:
छूट पर लाभ:
यदि किसी करदाता की बकाया मांग या जुर्माना लंबित है और वह इस योजना का लाभ उठाता है तो उसे ब्याज और जुर्माने पर छूट मिल सकती है।
आवेदन की अंतिम तिथि:
- इस योजना का लाभ लेने के लिए करदाताओं को 31 दिसंबर 2024 तक आवेदन करना होगा। यदि वे इस तिथि तक आवेदन करते हैं, तो उन्हें पूरा लाभ मिलेगा।
- इसके बाद, 31 दिसंबर 2024 के बाद आवेदन करने पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर देय होगा, जिससे योजना का लाभ कम हो जाएगा।
लंबित अपीलों की स्थिति:
- योजना का लाभ उन करदाताओं को मिलेगा जिनकी अपीलें 22 जुलाई 2024 तक विभिन्न अपीलीय फोरम में लंबित हैं।
- ये करदाता अपीलेट स्कीम में शामिल होने के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा कर सकते हैं और फिर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया:
करदाता को इस योजना का लाभ लेने के लिए निर्धारित फार्म-1 में आवेदन करना होगा। इस फार्म के जरिए वे अपनी लंबित अपीलों को योजना के तहत समाप्त करने का आवेदन कर सकते हैं।
कार्यशाला में उपस्थित लोग:
इस कार्यशाला में टैक्स बार एसोसिएशन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य, और व्यापार मण्डल संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं व्यापारी उपस्थित थे।
सारांश:
इस योजना के अंतर्गत, करदाता अपनी लंबित अपीलों का समाधान एक निर्धारित समय सीमा के भीतर कर सकते हैं और उनके द्वारा चुकाए जाने वाले ब्याज और जुर्माने में छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना उन करदाताओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिनकी लंबित अपीलों के कारण उन्हें वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ रहा है।